अहसास नहीं होता

कर सकता था इंतजार बारिश के रुकने का
पर तेरे छुअन का अहसास नहीं होता
तुम जो यादों में छोड़ जाते हो तन्हाई
उस उल्फत के होने का अहसास नहीं होता
लोग पत्थर के डर से रुक गए थे वहां
चलने की जिद में कोई रुसवा नहीं होता
मैं भी रुक कर इंतजार करता तेरा
पर अब बर्दास्त अफवाह नहीं होता
तेरे साथ बारिश में भीगने की ख्वाहिस
पर तू मिले बिन मौसम तो बरसात नहीं होता
कर सकता था इंतजार बारिश के रुकने का
पर तेरे छुअन का अहसास नहीं होता
तुम जो यादों में छोड़ जाते हो तन्हाई
उस उल्फत के होने का अहसास नहीं होता
Written By- Chandan


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