कैसे भुला पाओगे तुम

माना कि नज़रें न कभी मिलेगी हमारी
पर क्या खुद से नज़रे मिला पाओगे तुम
शीशे में जमाल निहारते अपनी
मेरी छुअन नज़र अंदाज़ कर पाओगे तुम

बदलते रिश्ते तुम्हे खुश करले कितना भी
पर बीते लम्हे कैसे भुला पाओगे तुम
शरारत भरी निगाह से यूँ न देखो मुझे
क्षण-पल ये कहते खुद को पाओगे तुम

गुमराह था मैं यकीं तो अब भी नहीं होता
गुनेहगार कातिल को कैसे ठहराओगे तुम
सुहाना हो तेरा शौक-ए-शफर कितना भी
वो दिलचस्प एहसास कैसे भुला पाओगे तुम

जब भी आएगी शब् चांदनी समेटे बाहों में
मेरे नज़्म युहीं गुनगुनाओगे तुम
जो अलफ़ाज़ रिसा आगोस में तेरे "चन्दन"
वो लफ्ज़-ए-जज्बात कैसे भुला पाओगे तुम

- Chandan Kumar Gupta

खूबसूरती में कमी नहीं

खूबसूरती में कमी नहीं
सौ घूरती नज़रें गवाही है
पर दिल को भाता क्यों नहीं
किया ऐसा क्या इश्क़ उगाही है

आँखें है तुम्हारी मयखाना
पर नशा ये चढ़ता क्यों नहीं
नज़रें मिलती है क्षण भर को
पर बात बढ़ती ये आगे क्यों नहीं

मुशफिर हो तुम मैं भी हूँ
पर राह कटती ये पल में क्यों नहीं
मंजिल पे बिछड़ हम जायेंगे
मुस्कान राहों हो मनाही तो नहीं

मिले जो गर हम फिर कभी
नज़रें न चुराए पाये हम
यादों का बनाना मुमकिन है
तेरे दिल को भी शिकायत तो नहीं

- Chandan Kumar Gupta

In the morning at 5

In the morning at five
when the world takes sigh
walking in street light
gives feel of future bright

when sweeper sweeps
horn gives a slow beeps
I wonder on the road
in my city in the hope

path says me go ahead
keeping goal in your head
something be always missing
leave the rest goal is kissing

when you find no one around
own efforts will make sound
leave no space for regret
forget luck else luck forget

-Chandan Kumar Gupta


उसके जाने से

जिन्दगी थमी नहीं है उसके जाने से
कुछ बदला नहीं उसके बदल जाने से
लोग वही हैं जमाना और दस्तूर वही है
कोई खुश कोई नाराज आज भी है ज़माने से
जिन्दगी थमी नहीं है उसके जाने से

तनाव वही है, आकर्षण का खिंचाव वही है
जलन होती है आज भी गैरों के पाने से
तुम न मानोगे कभी ए मेरे हमदम
पर रिश्ते बदलते नहीं औरों के आने से
जिन्दगी थमी नहीं है उसके जाने से

सितम भी कायम है रहम भी कायम है
आलोचकों के अंदाज भी बदले नहीं ज़माने से
कभी आओ मेरे कुचे में तो दिखाऊं तुम्हे
सांस छुटी न अबतक सच को दबाने से
जिन्दगी थमी नहीं है उसके जाने से

दर्द आज भी है मरहम आज भी है
घाव भरा नहीं कभी मन बहलाने से
एहसास भी है मौसम का अंदाज़ भी है
चाँद भी थका नहीं उपमा बदल जाने से
जिन्दगी थमी नहीं है उसके जाने से

-Chandan

तुमसे मिलने की बेताबी क्यों है

तेरा अपना होने पे भी शक है
फिर भी तुमसे मिलने की बेताबी क्यों है
जानता हूँ तेरे परायेपन की वजह
फिर भी ये आँखें हुआ शराबी क्यों है
तुमसे मिलने की बेताबी क्यों है

तुम्हारे पास रहूँ हरदम बिन-वजह
दिल ने सोचा ये गुस्ताखी क्यों है
इक दर्द से महरूम हुए नहीं पूरी तरह
दूजे आह से लिपटने की ख्वाहिस क्यों है
तुमसे मिलने की बेताबी क्यों है

ऐसा नहीं की तेरी वफ़ा पे यकीं न हो
फिर भी इस दिल में शक की गुंजाइश क्यों है
फासला ना यूँ कभी तुमसे बढे
अनगिनत शर्तों की आजमाइश क्यों है
तुमसे मिलने की बेताबी क्यों है

-Chandan

रिश्तों की समझ ऐसी भी क्या

रिश्तों की समझ ऐसी भी क्या
एक तोड़ दिया एक जोड़ लिया
अपनों से मुख यूँ मोड़ के क्यों
और भी अपना जोड़ लिया

जिस अपनों को अपनाते हो
क्या वो अपना तेरा अपना है
जिस अपनों को छोड़ तुम जाते हो
या वो अपना ही तेरा अपना है

तशबीह न रिश्तों का किया करो
सृजन ईश ने है खुद ही किया
रिश्तों की समझ ऐसी भी क्या
एक तोड़ दिया एक जोड़ लिया

उम्र की कीमत लगाकर तुमने
इक रिश्ते का आगाज़ किया
स्वार्थ-निहित संसार का फिर
क्यों तूने नक़ल-नमाज़ किया

विश्वास न किसी का त्याग करो
हर आह को इसने मन से पिया
रिश्तों की समझ ऐसी भी क्या
एक तोड़ दिया एक जोड़ लिया

-Chandan

यकीं नहीं होता

बेवफा हो तुम, यकीं नहीं होता
जफा की पहचान हो, यकीं नहीं होता
मैं पहचान न सका तुम्हे, यकीं नहीं होता
कसमें वादे झूठे थे, यकीं नहीं होता

स्नेह की पहचान हो नाम में झलकता है
कोयल की कुक हो बातों में बरसता है
मेरी ही मुस्कान हो चेहरे से टपकता है
सब पहचान झूठी है, यकीं नहीं होता

"संग मोहे तेरा भाता है, जीवन की पहचान हो
इश्क है समझ में आता है न ही तुम अनजान हो
जीवन भर साथ निभाएंगे, वादों पे कुर्बान हो"
अचानक सबकुछ भूल गए, यकीं नहीं होता

बेवफा हो तुम, यकीं नहीं होता
कसमें वादे झूठे थे, यकीं नहीं होता
सब पहचान झूठी है, यकीं नहीं होता
अचानक सबकुछ भूल गए, यकीं नहीं होता

written by:-
Chandan

यादों से कहो मुझसे दूर रहा करे

अपनी यादों को कहो मुझसे दूर रहा करे
बर्बादी की सारी हदों से गुजर चूका हूँ मैं
कहते हैं कि याद अपनों की ही आती है
परिभाषा अपनों की बदल चूका हूँ मैं
अपनी यादों से कहो मुझसे दूर रहा करे
बर्बादी की सारी हदों से गुजर चूका हों मैं

जब भी याद तुम्हारी आती है
अपना सुध खो देता हूँ मैं
पल हो कितना भी ख़ुशी का
क्षण भर को रो देता हूँ मैं
लम्हे जो साथ बिताये थे
यादों का काँटा लाता है
पल भर की जो कभी ख़ुशी थी
किश्तों में तड़पाता है

गर तू नहीं मेरे जीवन में
यादों को क्यों संजोयुं मैं
भूल कर अपनी ख्वाहिसों को
काँटों में खुद को पिरोयूं मैं
हिम्मत आगे बढ़ने की
ओ मेरे इश मुझे दे दे
रिश्ता बस एक तुझसे हो
झूठे रिश्तों से मुक्ति दे दे


-Chandan Kumar Gupta


रिश्तों में अवसर का स्थान नहीं होता

ना जाने कैसे लोग रंग बदलते रहते हैं
मैं तो महज कोशिश करके भी शर्मा जाता हूँ
किसी का दिल दुखाकर भी वो हँसते हैं बेहिसाब
मैं दिल्लगी से पहलेे भी कहता हूँ माफ़ी जनाब
यूँ पहचान बदलने की आदत इंसान की
उफ़ देते हैं हवाला अधूरे अरमान की
पर इंसान हकीकत से अनजान नहीं होता
रिश्तों में अवसर का स्थान नहीं होता
जिस रंग में रंगते हैं लोग अवसर मानकर
फीका न होने की उस रंग का प्रमाण नहीं होता
जिस रंग को छोड़ देते हैं फीका जानकर
उस रंग के भविष्य का ज्ञान नहीं होता
अवसर मान अपनाते हैं जिसे
अवसर उसे भी मिल सकता है
फीका जान ठुकराते हैं जिसे
किस्मत उसका भी बदल सकता है
पर साथ निभाये अवसर मेज्मान नहीं होता
गस्त खाने का फिर से किसी का अरमान नहीं होता
Written By:
Chandan


अजनबी सी लगती है

सेहर की धुप की किरने तेरे चेहरे पर जो पड़ती है
सच मानो मेरी जान दिल में हलचल सी होती है
तेरी मासूमियत का आशिक वो आसमा भले हो
पर तुझे छुए वो किरने दिल में तपिश भी होती  है
नूर तेरे चेहरे का खुदा ने रचा भले हो
पर उसका हक जाताना तुमपे ज्यादती सी लगती हैै
सफ़र-ए-जिन्दगी में तुम मिली मुझे इस मोड़ पर
देखा हुआ चेहरा भी कुछ अजनबी सी लगती है
काश कि खुदा कभी सुन सके मिन्नतें मेरी
बदले कीमत के सही कर दे पूरी हसरतें मेरी
फासले दो गज का भी अब मीलों सी लगती है
देखा हुआ चेहरा भी कुछ अजनबी सी लगती है
जब सुना खुद मिन्नतें मेरी देर हो चुकी थी तब
मंजिलें मेरी तुम्हारी द्वि ओर हो चुकी थी तब
अब मेरा हक जताना तुम पे खुदगर्जी सी लगती है
देखा हुआ चेहरा भी कुछ अजनबी सी लगती है
Written By:
Chandan

कहीं ये तू तो नहीं

सुर्ख हवाओं का देख के लगता है
कहीं ये तू तो नहीं
अनजान चेहरों पे नज़र टिकता है
कहीं ये तू तो नहीं
मैं साहिल पे बैठा रहा रात भर
इक लौ के सहारे आँख भर
लौटा तो मुड़ के देखा फिर से
कहीं ये तू तो नहीं
मैं अलाप कोई लगाऊं
सुर-ताल कोई छेड़ू
गीतों में जिक्र अजनबी की
कहीं ये तू तो नहीं
मैं मुस्किल में उलझ जाऊं
सौ बार फिसल जाऊं
हौसला संभल जाने का
कहीं ये तू तो नहीं
क़द्र दीवान का करना
रसमय मन को भिगोना
खोया ख्वाबों में जिसके "चन्दन"
कहीं ये तू तो नहीं
written by-
Chandan

मन की पुकार

मौसम की रंगत मांगे तेरी संगत
आओ मेरे मीत निभाओ प्रीत
तुमबिन बेसुरी है जीवन संगीत
सरसों के फुल पिरोता है शूल
इमारतें ख्वाबों की तुमबिन है धुल
याद तुम्हारी जगाये रात सारी
अभिलाषा मन की फिर भी न हारी
मेरे संग जाओ रंग
इश्क की जंग करो ना दंग
तुम बिन जीवन है बेरंग
सावन का मौसम और ये यौवन
बीत न जाये संग ये सौतन
मन से उठे पुकार
छोड़ दो ये संसार
विदा करे दो हिर्दय को जो
क्यों रखें उनसे सरोकार
Written by:-
Chandan

अहसास नहीं होता

कर सकता था इंतजार बारिश के रुकने का
पर तेरे छुअन का अहसास नहीं होता
तुम जो यादों में छोड़ जाते हो तन्हाई
उस उल्फत के होने का अहसास नहीं होता
लोग पत्थर के डर से रुक गए थे वहां
चलने की जिद में कोई रुसवा नहीं होता
मैं भी रुक कर इंतजार करता तेरा
पर अब बर्दास्त अफवाह नहीं होता
तेरे साथ बारिश में भीगने की ख्वाहिस
पर तू मिले बिन मौसम तो बरसात नहीं होता
कर सकता था इंतजार बारिश के रुकने का
पर तेरे छुअन का अहसास नहीं होता
तुम जो यादों में छोड़ जाते हो तन्हाई
उस उल्फत के होने का अहसास नहीं होता
Written By- Chandan


Still Waiting For You

A lot been betrayed
A lot have been hurted
The new era begins
With bundle of sins
Still waiting for you
Reason becomes half
To let the people laugh
Smile with heart lost
I am live but ghost
Still waiting for you
The river got silenced
Gazed blow balanced
Ocean clutched fountain
With bent mountain
Still waiting for you
Time taught me to fly
To limit the sky
Touched such a high
Seems beneath sigh
Still waiting for you

Written By:-
Chandan

इश्क है! हो जाने दो

शाम को ढल जाने दो
सूरज निकल जाने दो
जो सदियों में न हुआ
इक पल में हो जाने दो
बाँहों में बैठो
इश्क को संवर जाने दो
रोग इश्क का है ये
लाइलाज ही सही लग जाने दो
कुचे में न देखो
कि लोगों को गुजर जाने दो
सिलसिला चाहतों का है ये
होठों तक खबर जाने दो
सूरज घबरा जायेगा
कि इश्क की लहर जाने दो
चाँद शरमा जायेगा
कि नूर बिखर जाने दो
मशरूफ ज़माने को छोडो
खुदा तक अदब जाने दो
बुरा हो या हो भला
इश्क है हो जाने दो
Written By-
Chandan

तेरे प्यार में

निःशब्द हो गए लफ्ज़ सारे तेरे इंतजार में
एहसास सारा खो चूका हूँ मैं तो तेरे प्यार में
भावनाओ को व्यक्त करना चाहता हूँ बेशक मगर
अश्क रेगिस्तान हो चुकी है तेरे इंतजार में
क्यों हूँ लालायित पाने को तुझको पूछता हूँ खुद से मैं
जल-बुझ जाऊं ऐसी भी क्या नूर होगी तेरे दीदार में
जवाब भी क्या सुन सकूँगा हामी की इंकार में
अधजगा हूँ अधसोया हूँ प्रिये तेरे प्यार में
आस कभी घटती नहीं बादल हिज्र के छटती नहीं
आलम कुछ ऐसा ही है जैसे चन्दन संसार में
दिल से कहा यूँ ना बैठ लेकर पहलु में उसे
ये दिल भी दगाबाज़ निकला आज तेरे प्यार में
निःशब्द हो गए लफ्ज़ सारे तेरे इंतजार में
अहसास सारा खो चूका हूँ मैं तो तेरे प्यार में...
Written By:-
Chandan

चाँद और सूरज

चमकता है चाँद सूरज की लाली में दुनिया जानती है
है दीवानी सूरज की चाँद भी ये मानती है
पर चाँद ने कभी सूरज से इकरार न किया
झूठ कहते हैं लोग सूरज ने कभी प्यार न किया
ग्रह नक्षत्र तारे सब मूकदर्शक बने रहे
परम्परा की आड़ के स्वभाव में डटे रहे
दर्द पे मरहम लगाना किसी ने स्वीकार न किया
झूठ कहते हैं लोग सूरज ने कभी प्यार न किया
दिखाई होती किसी ने इंसानियत, नज़ारे बदल जाते
दिन को भी मिलती ठंढक, हर रात उजाले हो जाते
ओछी रीत बदलने की बीड़ा किसी ने सरोकार न किया
झूठ कहते हैं लोग सूरज ने कभी प्यार न किया
रोज इक चाँद-सूरज को फरमान-ए-हिज्र दी जाती है
दुनिया बड़ी ज़ालिम है इश्क की सजा सुनाती है
इश्क वालों ने भी पर इश्क को लगाम ना दिया
झूठ कहते हैं लोग सूरज ने कभी प्यार ना किया
Written by:-
Chandan